यूपी विधानसभा सत्र; बिजली विभाग का निजीकरण होगा या नहीं? ऊर्जा मंत्री ने दिया ये जवाब

UP Budget Session
लखनऊ। UP Budget Session: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में बिजली कंपनियों के निजीकरण प्रश्न पर कहा कि सरकार जनता के हित के लिए यह निर्णय कर रही है। इसमें कर्मचारियों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। जनता को 24 घंटे बिजली मिले इसलिए निजीकरण कर रहे हैं। निजीकरण से बिजली महंगी हो जाएगी यह सत्य नहीं है।
मंत्री ने सपा सदस्य सचिन यादव और डाॅ. संग्राम यादव द्वारा निजीकरण से बिजली कर्मचारियों के हितों के प्रभावित होने के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि वर्ष 2017 सपा सरकार बिजली विभाग पर 1.42 लाख करोड़ रुपये घाटा छोड़कर गई थी।
हम इसे कम करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछली सभी सरकारों के प्रयासों के बावजूद बिजली विभाग सही नहीं चल रहा है। नोएडा में राष्ट्रपति शासन में निजीकरण हुआ, सपा सरकार आने पर इसे वापस नहीं लिया गया। इसी तरह बसपा सरकार में आगरा में टोरेंट कंपनी को लाने का निर्णय हुआ। इसके बाद सपा की सरकार आई, आपने भी इसे वापस नहीं लिया।
अब तक 3394 मीटर रीडरों की सेवाएं हो चुकी हैं समाप्त
ऊर्जा मंत्री ने बिजली के बिलों में गड़बड़ी की बात स्वीकार करते हुए कहा कि सख्त कार्रवाई के बाद भी इसमें सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग अब तक गलत रीडिंग के मामले में 3394 मीटर रीडरों की सेवाएं समाप्त कर चुका है।
सपा सदस्य महेन्द्र नाथ यादव के प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि 28 पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। इसके अलावा 85 नियमित कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि पहले से बोये हुए कुछ बबूल की वजह से यह हालात हैं।
वहीं, सपा सदस्य स्वामी ओमवेश, महबूब अली और कांग्रेस सदस्य आराधना मिश्रा मोना द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विभाग ने गर्मी में बिजली आपूर्ति की मुकम्मल व्यवस्था कर ली है। सौर ऊर्जा समेत तमाम विकल्पों के जरिए उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है।